सूत्रों के अनुसार नेपाल एवं अन्य देश के लोगों का तीन से पांच हजार रुपये में आधार कार्ड बनाया जाता है

अररिया, रंजीत ठाकुर : जिला अंतर्गत भारत- नेपाल सीमा से सटे अररिया, कुर्साकांटा,पलासी,सिकटी, फारबिसगंज, नरपतगंज, आदि प्रखंडों के बाजारों के कंप्यूटर दुकानों में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया जाता है। ऐसे आधार कार्ड फर्जी दस्तावेज बनाकर मोटी रकम तीन से पांच हजार रुपए तक लेकर बनाया जाता है। जिसके आधार पर सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के निर्वाचन सूची में भी नाम दर्ज कर लिया जाता है। इसके बाद बड़ी आसानी से सीमा आर पार किया करते हैं। यहां तक कि भारत सरकार के राशन कार्ड में भी नाम दर्ज करवा कर बड़ी आसानी से खाद्यान्न एवं रासायनिक उर्वरक का उठाव कर सीमा पार किये जाते हैं।

सूत्र बताते हैं सीमा से सटे नेपाल एवं अन्य देश के फर्जी मतदाता चुनाव में भी सरकार के विरुद्ध भूमिका निभाते हैं। सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के सैकड़ो नागरिक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बिहार सरकार और भारत सरकार के एजेंसियों को ऐसे मामलों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। सूत्रों ने एक और खुलासा किया है कि भारतीय क्षेत्र के स्थानीय नेता भी निजी राजनीतिक लाभ के लिए सीमा पार अन्य देश के लोगों का नाम भारतीय मतदाता सूची में दर्ज करा कर भारतीय नागरिक बना देते हैं जो देशहित के लिए घातक बनता जा रहा है।

आइये जानते है क्या कहते है भारतीय जनमानस:-

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“समाज सेवी सह पूर्व पंचायत समिति सदस्य नरपतगंज, रामवृक्ष पासवान ने बताया कि चंद रुपया के निजी लाभ के लिए क्षेत्र में फर्जी तरीके से विदेशी नागरिकों का भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, निर्वाचन कार्ड, बनाया जाता है। इसकी जांच विशेष रूप से होनी चाहिए।”,

“समाज सेवी अरविंद कुमार ने बताया कि सीमा क्षेत्र में आधार कार्ड बनवाने एवं उनके अद्यतन के लिए पांच सौ से एक हजार रुपये कि राशि की अवैध उगाही की जाती है। अवैध उगाही के लालच में ही फर्जी तरीके से फर्जी नागरिकों का आधार कार्ड बनाया जाता है।”,

“मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान जिला इकाई अररिया के कार्यकारी जिला अध्यक्ष अरविंद कुमार राय ने बताया कि नेपाल भारत सीमा खुला होने के कारण बड़ी आसानी से नेपाल और अन्य देश के लोग भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर अधिक राशि का प्रलोभन देकर सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के कंप्यूटर दुकान में कथित रूप से फर्जी तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड आदि बनवाकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाता है। एजेंसी को इस बार विशेष ध्यान देकर जांच करने की आवश्यकता है।”

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